जब कभी तनहाई महसूस होती है, याद आ जाती है उसकी,
जिसके होने से जिंदगी का अहसास हुआ करता था,
जब कभी वक़्त बोझल सा लगने लग जाता है, याद आ जाती है वो,
जिसके साथ होने पर वक़्त भी रुक सा जाता था,
कहाँ चली गयी है वो नहीं जानता हूँ मैं, लेकिन जब उसके बिना नहीं रह पाता हूँ
तो देख लेता हूँ उस चाँद को जिसके पास उसकी चांदनी का साथ है,
और अपने दिल को जो उसके सिवा किसी का हो नहीं सकता, एक बार फिर समझाता हूँ
की थोडा इंतज़ार और, शायद वो आ जाए, जो वादा उसने किया था, शायद आज निभा जाए .....
By: Madhur Shailesh Dwivedi
जिसके होने से जिंदगी का अहसास हुआ करता था,
जब कभी वक़्त बोझल सा लगने लग जाता है, याद आ जाती है वो,
जिसके साथ होने पर वक़्त भी रुक सा जाता था,
कहाँ चली गयी है वो नहीं जानता हूँ मैं, लेकिन जब उसके बिना नहीं रह पाता हूँ
तो देख लेता हूँ उस चाँद को जिसके पास उसकी चांदनी का साथ है,
और अपने दिल को जो उसके सिवा किसी का हो नहीं सकता, एक बार फिर समझाता हूँ
की थोडा इंतज़ार और, शायद वो आ जाए, जो वादा उसने किया था, शायद आज निभा जाए .....
By: Madhur Shailesh Dwivedi