Tuesday, May 28, 2013

मैं और मेरी तनहाई ...

जब तनहा होता हूँ तब भी तनहा रहता नहीं,
साथ में तुम्हारा ख्याल होता है  

याद कर सकता हूँ भुला सकता हूँ ,
मत पूछ इस दिल का क्या हाल होता है  

एक  ही साथ मुस्कुराता हूँ, रोता भी हूँ,
वो लम्हा भी मेरे यार कमाल होता है। 

कभी सोचता भी हूँ कि क्यूँ हो रहा है मेरे साथ ही ये,

भूल जाता हूँ इश्क में इंसान का यही हाल होता है |

By: Madhur Shailesh Dwivedi

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