Sunday, June 5, 2022

इतवार

हंसी - खुशी,
पहेलियां, अठखेलियां,
पोहे - जलेबियाँ,
आम-रस और सिवईयां,
प्यार - तकरार,
मान - मनुहार,
इज़हार - इकरार,
इन्ही सब से मिलकर बनता है,
तुम्हारा और मेरा इतवार ।

मधुर द्विवेदी

Wednesday, May 11, 2022

मंटो

जहां इंसान पागल थे, और पागल इंसान थे ।
कहानी नहीं, वो मंटो की दुनिया थी ।

11 मई, सआदत हसन मंटो