क्या किया क्या नहीं किया, उन्हें
जवाब चाहिए,
यहाँ सांसें कम पड गयी,
उन्हें हिसाब चाहिए |
एक अरसा हुआ दिल के कोने अंधेरे
हैं,
दुनिया के उजाले उन्हें लाजवाब
चाहिए |
भूखा मरता है तो मरे कोई उनकी
बला से,
अपनी प्लेट मे गोश्त उन्हें
बेहिसाब चाहिए |
दो लफ्ज क्या निकले हमारे,
उन्हे मुखालफत लगी,
अब वक़्त आ गया है,
हमें इंकलाब चाहिए |
मधुर