Thursday, May 28, 2020

उन्हे हिसाब चाहिए



क्या किया क्या नहीं किया, उन्हें जवाब चाहिए,
यहाँ सांसें कम पड गयी, उन्हें हिसाब चाहिए |

एक अरसा हुआ दिल के कोने अंधेरे हैं,
दुनिया के उजाले उन्हें लाजवाब चाहिए |

भूखा मरता है तो मरे कोई उनकी बला से,
अपनी प्लेट मे गोश्त उन्हें बेहिसाब चाहिए |

दो लफ्ज क्या निकले हमारे, उन्हे मुखालफत लगी,
अब वक़्त आ गया है, हमें इंकलाब चाहिए |

मधुर

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