जानता हूं तुम्हें बनानी है अपनी एक अलग पहचान ।
हर कदम पर साथ दूंगा तुम्हारा, चाहे मिट जाए मेरी हस्ती,
भले मुसीबतें आएं, डूबने नही दूंगा तुम्हारे अरमानों की कश्ती।
जानता हूं अभी बहुत सा सफर बाकी है, तुम्हारी मंजिल है अभी दूर,
वादा है मेरा, नहीं होगी तुम बीच में रूकने को मजबूर ।
गिरने नहीं दूंगा, चाहे डगमगा जाएं तुम्हारे कदम,
चाहे सबकुछ हार जाऊं, तुम्हे जिता कर रहूंगा मेरे हमदम ।
मधुुुर
Dedicated to Kriti. Ode to an ambitious wife from a passionate husband.
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