Saturday, September 25, 2021

रास्ता

अकेले बहुत पी चुका हूँ मैं, 
कि आज साक़ी को पिलाया जाय ।

मुकम्मल अब हुआ है रासता मेरा, 
चल ज़िन्दगी, तुझे भी आज़माया जाय।

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