ख्वाहिशों को कोई नाम दूं अगर तो तुम हो,
तूफाँ में फंसी मेरी कश्ती को मिला वो किनारा तुम हो।
जुनून के परे पहुंचा दे जो चाहत को वो असर तुम हो,
जिसे देख कर रूह को सुकून मिल जाये वो मंजर तुम हो ।
जिसे महसूस करके आ जाये हिम्मत वो हौसला तुम हो,
गर खता करू तो चट्टान बन जाये वो फैसला तुम हो ।
अब इससे आगे और क्या कहूँ मेरे हमसफर,
मेरी जिंदगी को जिसने बदल दिया वो फलसफा तुम हो ।
#मधुरिका
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